BHOOT KI KAHANI NO FURTHER A MYSTERY

bhoot ki kahani No Further a Mystery

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Bhoot ki kahani

नाम क्या है तुम्हारा...... दमयंती ..... यहां कैसे आई........ वह डॉक्टर बाबू है ना ,जिन्हें सब डॉ साहनी कहते हैं, उन्होंने मुझे यहां काम पर रखा था, नर्स के तौर पर ,सभी की सेवा करने के लिए! बहुत ही भले ...

एक महीना देखता हूं, फिर बात कर लूंगा ट्रांसफर की। उसका यहां नौकरी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था। हाथ में लालटेन लिए और दूसरे हाथ में डंडा पकड़े हुए वह प्लैटफॉर्म के चक्कर लगा रहा था। बीच बीच में सीटी बजा देता। एक रात की बात है। उस रात गार्ड फोन पर उसके अलावा और कोई नहीं था।

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 अब मैं बहुत डर गया था , मेरे हाँथ-पैर फूल गए थे मुझे काटो तो खून नहीं।

जैसे-जैसे वे गहराई में जाते गए, पानी टपकने की आवाज गूंज उठी, जिससे माहौल और भी डरावना हो गया। अचानक, उन्होंने एक धीमी गड़गड़ाहट सुनी, और उन्हें अंधेरे में चमकती हुयी आँखें दिखी।

तो मैंने देखा कि जैसे कोई सफेद साड़ी पहनकर,बाल खोलकर,लाल कलर की लाली लगाकर, जोर-जोर से हंस रही थी। मैने डर के मारे आंख नीचे कर लि.और नीचे देखने लगी। तभी कोई के चिल्लाने की आवाज आई.

दमयंती....... एक किन्नर का बदला अर्चना भालेराव "प्राहेहल"

और तभी मुझे याद आया कि वो जो चिट्ठी आई थी। उसमें उसका पता तो होगा।

"ये दुनिया बहुत खूबसूरत है , लेकिन तब तक जब तक की आपको मजे दे रही है वरना जब लेने पे आती है तो फिर इस से बुरी कुछ नही।" ये हर बुरा समय आने से पहले आपको महसूस कराती,जो समझा, खुद को बदल लिया और जिसने ...

इतने में और घना अंधेरा छा गया अंधेरा इतना था । कि एक हाथ को दूसरा हाथ दिखाई नहीं दे रहा था। इतने में ट्रेन आ गई ।और बिजली रह-रहकर चमक रही थी।

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और उसमें से एक फोटो निकली थी। जो कि उसी लड़की की थी। मैं चौक गया की उसे मेरा पता कैसे चला।

श्राप हटने के साथ ही गुफा को अपनी प्राकृतिक शांति वापस मिल गई। राम, सोनू और कुत्ता गुफा से निकले, और नायकों के रूप में गाँव लौटे। गांब वालो के साथ वे अपनी अविश्वसनीय कहानी साझा की और उन्हें साहस, दोस्ती और करुणा के महत्व को समझाया।

कहानी की शुरुआत रितिका और उसके परिवार से होती है वह लोग हाल ही में अपने पुराने घर को छोड़कर नए घर में शिफ्ट हुए थे रितिका के पापा की तरक्की हो गई थी कंपनी की तरफ से यह खूबसूरत सा बंगला उन्हें गिफ्ट ...

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